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31 Dec 2025, Wed

आदि गुरु शंकराचार्य जी के जीवन दर्शन पर व्याख्यान माला का आयोजन हुआ

देवास। मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद विकासखंड बागली द्वारा आदि गुरु शंकराचार्य जी के जीवन दर्शन पर व्याख्यान माला कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय वांग़योग चेतना पीठम आश्रम बागली में किया।कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा आदि गुरु शंकराचार्य जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य एवं स्वागत भाषण जन अभियान परिषद के विकासखंड समन्वयक प्रफुल्ल पाठक द्वारा दिया गया जिसमें कार्यक्रम की भूमिका बताई गई। शंकराचार्य जी के जीवन के उद्देश्य एवं उनके द्वारा रचित स्तोत्र एवं जीवन दर्शन के सम्बन्ध में समाजिक कार्यकर्ता एवं शंकरदूत सोमेश जी उपाध्याय द्वारा उपस्थित प्रतिभागियों कोजानकारी दी।कार्यक्रम में विशेष अतिथि वरिष्ठ समाजसेवी एवं अधिवक्ता प्रवीण चौधरी ने आदि गुरु शंकराचार्य जी के अद्वैत वेदांत के संबंध में बताया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता वांगयोग चेतना पीठम के संचालक वेदाचार्य पंडित कनिष्क द्विवेदी द्वारा अपने उद्बोधन में कहां की आदि शंकराचार्य जी का जन्म केरल प्रांत के कालडि नामक स्थान पर हुआ शंकराचार्य जी जन्म से ही विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। तथा 2 वर्ष की उम्र में ही उनके पिता का देहांत हो गया था तथा माता के द्वारा उनका लालन-पालन किया गया माता से उनका विशेष स्नेह था 8 वर्ष की उम्र में संन्यास लेने की इच्छा प्रकट की तब माता ने मना कर दिया तो स्नान करने गए नदी के घाट पर मगरमच्छ ने उनका पैर पकड़ लिया। माता से कहा कि माता यदि तुम मुझे संन्यास की अनुमति दोगी तो यह मगरमच्छ मुझे छोड़ देगा ऐसा कह कर माता से अनुमति लेकर 8 वर्ष की उम्र में संन्यास की दीक्षा ली मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर में में आपने गुरु श्री गोविंद पादचार्य के सानिध्य में आकर सन्यास ग्रहण किया तथा ओंकारेश्वर में कई ग्रंथों पर भाष्य लिखे संपूर्ण भारत को एक सूत्र में बांधने के लिए चारों दिशाओं मेंचार मठों की स्थापना की आदि गुरु शंकराचार्य जी का जीवन हमारे लिए हमेशा प्रेरणास्पद रहेगा।संचालन राजेंद्र सिंह सेंधव द्वारा किया। आभार प्रदर्शन गोकुल राठौर ने किया। कार्यक्रम में परामर्शदाता अशोक भाटी, कमल किशोर शर्मा, सत्यनारायण व्यास, सत्तू भैया, चंदर सिंह डोडवे, सार्थक दाधीच विशेष रूप से उपस्थित थे।