देवास। चाणक्यपुरी स्थित श्री रंगनाथ राध कृष्ण मंदिर में शिव महापुराण कथा का शुभारंभ कलश यात्रा के साथ हुआ। बैंड बाजों के साथ नगर के प्रमुख मार्गो से कलश यात्रा निकाली गई।सैकड़ो महिलाएं अपने सिर पर कलर धारण कर कलशयात्रा में शामिल हुई। जगह-जगह कलश यात्रा का धर्म प्रेमियों द्वारा पुष्पवर्षा कर भव्य स्वागत किया गया। कथा शुभारंभ अवसर पर व्यासपीठ से भागवताचार्य पंडित अजय शास्त्री सिया वाले ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि शिव महापुराण कथा मनुष्य की तारणहार है, जो मनुष्य को इस भवसागर से तार देती है। कथा मनुष्य को तन मन से पावन कर देती है। कथा का श्रवण करने से जीवन की व्यथा खत्म हो जाती है। हम सब सौभाग्यशाली हैं जिन्हें भगवान श्री राधा कृष्ण मंदिर रंगनाथजी के श्री चरणों में कथा सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। जिस धराधाम पर स्वयं भगवान विराजमान है। ऐसी पावन भूमि पर बैठकर कथा श्रवण कर रहे हैं। आगे कहां की जो भी भक्त भगवान शिव का 108 बार सच्चे मन से नाम ले लेता है जाप कर लेता है । उसे कैलाश मानसरोवर की यात्रा का पुण्य फल प्राप्त हो जाता है। इस पावन गंगा रूपी धरा पर सच्चे मन से कथा का श्रवण करें। आगे कहा कि शरीर के खत्म होने के बाद हमें कर्मों के अनुसार ही स्वर्ग और नरक की यात्रा करना पड़ती है। भोगना पड़ता है। यदि आपने पुण्य कर्म किए हो तो पुण्य और पाप किए तो पाप का फल भोगना पड़ेगा। बंधन का कारण संसार है और मोक्ष का कारण परमात्मा है। इसलिए परमात्मा का ही अनुसरण करें, संसार में ना उलझे। कथा आयोजन मंडल की चंदा शर्मा एवं भक्त मंडली ने व्यासपीठ की पूजा अर्चना कर महाआरती की। सैकड़ो धर्म प्रेमियों ने कथा श्रवण कर धर्म लाभ लिया। मुख्य यजमान भगवान श्री रंगनाथ जी थे। कथा प्रतिदिन 2 से 5 बजे तक होगी।
परमात्मा का ही अनुसरण करें संसार में ना उलझे- पंडित अजय शास्त्रीकलश यात्रा के साथ शिव महापुराण कथा का हुआ शुभारंभ

