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31 Dec 2025, Wed

बेरोजगारी चरम पर, डेंटल सर्जनों की उपेक्षा पर उठी आवाज

देवास। प्रदेश में बेरोजगारी की समस्या दिन-ब-दिन विकराल होती जा रही है। भारतीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) के देवास अध्यक्ष कैलाश वर्मा ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि बेरोजगारी मे खासकर बीडीएस (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी) डिग्री धारकों की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। वर्षों की कठिन पढ़ाई और प्रशिक्षण के बावजूद डेंटल सर्जनों को रोजगार के पर्याप्त अवसर नहीं मिल पा रहे हैं। इस ओर सरकार की लगातार उपेक्षा चिंता का विषय बनी हुई है।डॉक्टरों की कमी के बीच भी उपेक्षा सरकार द्वारा बार-बार यह कहा जाता रहा है कि राज्य में डॉक्टरों की भारी कमी है, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब डेंटल सर्जन भी शरीर विज्ञान और प्राथमिक चिकित्सा की पढ़ाई करते हैं, तो उन्हें स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में क्यों नहीं जोड़ा जा रहा? विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सरकार बीडीएस डिग्री धारकों को ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ करती है, तो न केवल डॉक्टरों की कमी को आंशिक रूप से दूर किया जा सकेगा, बल्कि ग्रामीण जनता को भी प्राथमिक चिकित्सा समय पर मिल सकेगी। यह सरकार के लिए दोहरा लाभ साबित हो सकता है। कैलाश वर्मा ने कहा कि सरकार को इस दिशा में गंभीरता से विचार करना चाहिए। उन्होंने मांग की कि डेंटल सर्जनों को स्वास्थ्य विभाग में उचित स्थान दिया जाए, ताकि वे अपने ज्ञान का उपयोग जनसेवा में कर सकें। उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल हजारों बेरोजगार डेंटल सर्जनों के लिए राहत लेकर आएगा, बल्कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को भी सुदृढ़ बनाएगा। सरकार को चाहिए कि वह नीति बनाकर बीडीएस धारकों को स्वास्थ्य सेवाओं में उचित भूमिका दे।