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31 Dec 2025, Wed

जो दूसरों को खुशियां बांटता है, परमात्मा उसकी खुशियों के भंडार भर देता है- ब्रह्माकुमारी प्रेमलता दीदी

देवास। अगर हमारे पास चार रोटी है। तो एक रोटी किसी जरूरतमंद किसी भूखे को खिलाएं। जो भूखा है। और यही मनुष्यता का भाव होता है। मनुष्य जीवन में पशुता नहीं आना चाहिए। कि हम दूसरों की रोटी छीन कर खाएं। दूसरों की रोटी छीन कर खाना पशुता है। साधुता व भगवत भाव तो बहुत है संसार में। लेकिन कम से कम मानव जीवन में मनुष्यता आना मनुष्य जीवन को सार्थक करता है। भूखे को रोटी और प्यासे को पानी मिल जाए ऐसा भाव प्रत्येक व्यक्ति के मन में अवश्य होना चाहिए। यह विचार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय कालानी बाग सेंटर की प्रमुख ज़िला संचालिका ब्रह्माकुमारी प्रेमलता दीदी ने ध्यान योग के दौरान नित्य अमृतवाणी में व्यक्त किए। दीदी के सानिध्य में दीन,दुखियों जरूरतमंद को अन्न दान करते हुए भोजन प्रसादी बांटी गई। दीदी ने आगे कहा कि परमात्मा के साथ जुड़े और उस योग की शक्तिशाली ऊर्जा में अपने मन में व्याप्त विषय, विकारों को गलत आदतों को जलाकर अपने जीवन की एक नई शुरुआत करें। तभी हमें सच्ची खुशी का अनुभव होगा। अच्छा और पवित्र मन हमें आत्मसम्मान और आत्मविश्वास से भर देता है। इसलिए अपने विचारों, व्यवहार और संस्कारों से स्वयं के साथ दूसरों के जीवन मे भी खुशियां बांटे। जो दूसरों के जीवन में खुशियां बांटते हैं, परमात्मा उनके जीवन में खुशियों के भंडार भर देता है। इस पुण्यमय कार्य मे ब्रह्माकुमारी ज्योति दीदी, अपुलश्री दीदी, हेमा वर्मा बहन, सफला बहन, एकता बहन, लता माता, बंसीलाल राठौर भाई, विवेक भाई व अन्य भाई बहनों का अनुकरणीय सहयोग रहा।