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31 Dec 2025, Wed

तहसील में शिकायत के बाद पिता-पुत्र ने किया किसान पर हमला, घायल किसान ने लगाई न्याय की गुहार- बेटा सरहद पर देश की सेवा में, पिता अपनी ही जमीन के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा

देवास। देश के जवान सरहद पर तैनात होकर देश की सुरक्षा कर रहे हैं, वहीं उनके अपने परिवार वाले घर में ही अन्याय और उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं। ऐसा ही एक मामला जिले के ग्राम भौरांसा से सामने आया है, जहां एक किसान को तहसील में जमीन को लेकर की गई शिकायत करना महंगा पड़ गया। शिकायत के बाद कब्जाधारी ने अपने पुत्र के साथ मिलकर किसान पर जानलेवा हमला कर दिया।पीडि़त किसान महेन्द्र सिंह यादव ने बताया कि ग्राम भौरांसा स्थित उनकी निजी कृषि भूमि सर्वे क्रमांक 1557 और 1859, रकबा 1.045 हेक्टेयर पर वे वर्षों से खेती कर रहे हैं। जुलाई 2024 में गांव के ही दिनेश यादव ने शासकीय भूमि पर कथित रूप से अवैध कब्जा कर सडक़ निर्माण के नाम पर उनकी जमीन के रास्ते को पूर्व दिशा से बंद कर दिया। इतना ही नहीं, खेतों के जल निकासी के लिए लगे पाइप भी उखाड़ दिए, जिससे खेतों का पानी उनके ही खेत में भरने लगा और फसलें बर्बाद हो गईं। जमीन तालाब में तब्दील हो गई। इस अन्याय के खिलाफ महेन्द्र सिंह ने थाना भौरांसा, नायब तहसीलदार, पुलिस अधीक्षक और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 181 पर शिकायत की। शिकायत पर संज्ञान लेते हुए एसडीएम सोनकच्छ ने कब्जाधारी दिनेश यादव को नोटिस जारी किया। जब दिनेश ने नोटिस का जवाब नहीं दिया तो तहसीलदार ने स्वयं मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया और 36 घंटे में कब्जा हटाने का निर्देश दिया। इस कार्रवाई से बौखलाए दिनेश यादव ने 18 जुलाई 2025 की सुबह करीब 8 बजे अपने पुत्र विशाल के साथ मिलकर शक्ति माता मंदिर से दर्शन कर लौट रहे महेन्द्र सिंह पर रास्ते में हमला कर दिया। पहले गाली-गलौच, फिर थप्पड़-मुक्कों से पिटाई और अंत में डंडों से हमला कर उनके हाथ, पैर और पीठ पर गंभीर चोटें पहुंचाई। घटना के प्रत्यक्षदर्शी महेन्द्र सिंह के रिश्तेदार निर्मल यादव ने बीच-बचाव कर किसी तरह उनकी जान बचाई। इसके बाद घायल अवस्था में महेन्द्र सिंह एक छात्र की मदद से थाने पहुंचे, लेकिन यहां भी उनके साथ न्याय नहीं हुआ। उल्टा पुलिस ने छात्र को भी थाने में बैठा लिया और प्रकरण में उसका नाम जोड़ दिया।