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31 Dec 2025, Wed

बारिश में बिना बिजली के जीवन यापन कर रहे सातखोरी नई आबादी, नागदा के रहवासी


– वर्षों से पट्टे के इंतजार में, मूलभूत सुविधाओं से वंचित
देवास।
 बारिश का दौर शुरू हो चुका है। हर कोई बारिश के बचने के लिए इंतजाम करने में लगा है। लेकिन वार्ड क्रमांक 45, सातखोरी नई आबादी में निवासरत सैकड़ों परिवार बारीश के दौर में बिना बिजली में रहने को मजबूर है। साथ ही कई मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। रहवासी अपनी समस्याओं को लेकर मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंचे। अ.भा.घुम्मकड जनजाति नाथ समाज जिला अध्यक्ष भगवान सिंह नाथ ने बताया कि समस्त रहवासी पिछले लगभग 20 से 30 वर्षों से नागदा में निवास कर रहे है। शासन द्वारा इन्हें पुराने स्थान से विस्थापित कर वर्तमान स्थान पर पुन: बसाया गया था। उस समय प्रशासन ने इन्हें जल्द ही पट्टा देने का आश्वासन भी दिया था, लेकिन चार से पाँच वर्ष बीत जाने के बावजूद आज तक इन परिवारों को ना तो पट्टे मिले हैं और ना ही बुनियादी सुविधाएं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि उनके घर आज भी झोपडिय़ों जैसे कच्चे निर्माण के हैं, जिनमें बरसात के समय पानी भर जाता है और सांप-बिच्छुओं का खतरा बना रहता है। बिजली की सुविधा नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। शासन की योजनाओं का लाभ भी इन्हें पट्टे के अभाव में नहीं मिल पा रहा है। निवासियों ने कई बार अपनी समस्याओं को लेकर संबंधित अधिकारियों को आवेदन दिए, लेकिन कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं की गई। इससे नाराज और हताश लोगों में अब यह भावना घर कर रही है कि शासन और प्रशासन उनकी उपेक्षा कर रहा है। स्थानीय रहवासियों ने कलेक्टर महोदय से हाथ जोडक़र निवेदन किया है कि जल्द से जल्द उन्हें पट्टा प्रदान किया जाए तथा एक सुव्यवस्थित कॉलोनी में स्थानांतरित कर बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। उनका कहना है कि वे आजीवन शासन के आभारी रहेंगे, यदि उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाए। इस दौरान बडी संख्या सातखोरी के निवासी उपस्थित थे।