सोनकच्छ : – शुक्रवार को “सो दिवसीय बाल विवाह मुक्त भारत अभियान” के प्रथम चरण का सफल क्रियान्वयन किया गया। इस महत्वपूर्ण पहल का उद्देश्य शैक्षणिक संस्थानों के माध्यम से छात्र-छात्राओं के बीच बाल विवाह के खिलाफ व्यापक जागरूकता पैदा करना है। अभियान के तहत सोनकच्छ ब्लॉक के प्रमुख शैक्षिक शासकीय तथा अशासकीय संस्थाओं में विशेष जागरूकता सत्र और शपथ समारोह आयोजित किए गए।इस कार्यक्रम का क्रियान्वयन शिक्षा विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त टीम द्वारा किया गया । जिसमें बीआरसी संतोष शर्मा, बीएससी जितेंद्रसिंह बघेल, महिला बाल विकास से संरक्षण अधिकारी दीक्षा कुशवाहा, परामर्शदाता डॉ. एकता जायसवाल, परियोजना अधिकारी सोनकच्छ, पर्यवेक्षक और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती गिरजा भावसार शामिल थीं। टीम ने सभी स्कूलों में छात्रों को ‘बाल विवाह मुक्त भारत अभियान’ के उद्देश्यों की जानकारी दी और बाल विवाह के सामाजिक, स्वास्थ्य और कानूनी दुष्परिणामों के बारे में विस्तार से बताया। सत्र के दौरान छात्रों को शपथ दिलाई गई साथ ही टीम द्वारा बताया गया कि 18 वर्ष से कम उम्र की बालिका और 21 वर्ष से कम उम्र के बालक का विवाह कराना कानूनन अपराध और गैरकानूनी है। विद्यार्थियों ने इस सामाजिक बुराई को रोकने और जागरूकता फैलाने का संकल्प लिया। इस अवसर पर सभी विद्यालयों के प्राचार्य एवं अध्यापकगण उपस्थित रहे ।जिन्होंने इस महत्वपूर्ण अभियान को सफल बनाने में सहयोग किया। कार्यक्रम में इस अभियान से यह उम्मीद जगी है कि सोनकच्छ ब्लॉक जल्द ही बाल विवाह जैसी कुरीतियों से मुक्त होकर एक स्वस्थ और शिक्षित समाज की ओर कदम बढ़ाएगा। प्रशासन ने दोहराया है कि यह सो दिवसीय अभियान चरणबद्ध तरीके से जारी रहेगा।
बाल विवाह मुक्त भारत अभियान” का प्रथम चरण सोनकच्छ ब्लॉक में सफलतापूर्वक संपन्न; सैकड़ों छात्रों ने ली जागरूकता शपथ

