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31 Dec 2025, Wed

भृत्य के भरोसे चल रहा है पशु चिकित्सालयमनमर्जी से आना-जाना करते है अधिकारी, पशु पालक हो रहे परेशान

सोनकच्छ । मध्य प्रदेश सरकार भले ही किसानों को पशु पालन से संबंधित अनेकों सुख-सुविधाऐं व तत्पर ईलाज देने का दावा कर रही है और शासकीय योजनाओं का लाभ लेने के साथ-साथ पशु पालन के लिए लोगों को प्रेरित भी कर रही है लेकिन कुछ जिम्मेदार अधिकारी ऐसे है जो सरकार की योजनाओं को पलीता लगा रहे है तथा ड्यूटी करने से बच रहे है। पशु चिकित्सालय में डॉक्टर समय पर न मिलने से पशु पालक निजी चिकित्सक के पास अपने पशुओं का ईलाज करवाने के लिए विवश होते है। कभी कभार तो भृत्य ही डॉक्टर बनकर पशुओं का ईलाज करते देखे जाते है। यही हाल तहसील का एक मात्र शासकीय पशु चिकित्सालय भृत्यों के भरोसे चल रहा है यहाँ ना डॉक्टर समय पर आते है और न ही जवाबदार अधिकारी। केवल भृत्य ही बैठे मिलते है। भृत्यों को भी अधिकारी व वेटेनरी डॉक्टरों को न आने की जानकारी नहीं रहती है और भृत्य भी कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाते है। केवल फोन लगाने का कहते है। पशु पालकगण अपने पशुओं का ईलाज करवाने के लिए परेशान होते रहते है। अधिकारियों को फोन लगाते है तो फिल्ड़ में रहने का बहाना बनाकर बात को टाल देते है। कई महीनों से पदस्थ जवाबदार अधिकारी से लेकर अन्य स्टॉफ डॉक्टर अपनी मनमर्जी अस्पताल आना-जाना करते है। शासन द्वारा निर्धारित समय 9 से 4 बजे तक अस्पताल में इन डॉक्टरों को बैठना होता है ताकि वें पशुओं का निःशुल्क ईलाज समय पर कर सकें। पशु चिकित्सालय में डॉ. अदिति मालवीय (वी.ई.ओ.), डॉ. साधना वर्मा (वी.ए.एस.), डॉ. एम.एस. मालवीय (ए.वीर.एफ.ओ.) व भृत्य युवराज जामले पदस्थ है। फील्ड़ का बहाना बनाकर ड्यूटी से रहते है गायब :- सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार डॉ. अदिति मालवीय व डॉ. साधना वर्मा कई दिनों तक अस्पताल नहीं पहुंचते है। डॉ. अदिति मालवीय फील्ड़ में ड्यूटी होने का हवाला देते है लेकिन वे फील्ड़ में भी अनुपस्थित रहती है। वहीं साधना वर्मा न तो फील्ड़ में रहती है ना ही अस्पताल में। इन जवाबदार डॉक्टरों पर लगाम लगाने वाला कोई नहीं है। पशु पालकों व नागरिकों ने उच्च अधिकारियों से इन पर लगाम लगाने व समय पर अस्पताल में न बैठने पर कार्यवाही की मांग की है।-ः वर्जन :- ‘‘ डॉक्टरों का अस्पताल में न बैठने का मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। डॉक्टरों को नियमित रूप से समय पर अस्पताल आना है और ईलाज भी करना है। यदि वे अस्पताल में समय पर उपस्थित नहीं रहते है तो उन्हें समय पर आने के लिए निर्देशित किया जाएगा।