देवास। मप्र विद्युत कंपनी कर्मचारी संघ फेडरेशन के प्रान्तीय महामंत्री डी.एस. चन्द्रावत एवं कार्यकारी अध्यक्ष मकसूद पठान ने ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर प्रदेशभर में कार्यरत नियमित, संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों की समस्याओं के त्वरित समाधान की मांग की है। फेडरेशन के क्षेत्रीय अध्यक्ष अशोक वर्मा ने बताया कि पत्र के माध्यम से संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि मांगों पर जल्द निर्णय नहीं हुआ, तो प्रदेशभर में कर्मचारी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। फेडरेशन की मुख्य मांग है कि सभी संविदा कर्मचारियों का एकमुश्त नियमितीकरण किया जाए। आउटसोर्स कर्मचारियों को नई भर्तियों में सेवा अवधि का लाभ और आरक्षण प्रदान करे। वेतन विसंगतियों का त्वरित निराकरण किया जाए। नई भर्ती में वेतन के 70 प्रतिशत, 80 प्रतिशत, 90 प्रतिशत, भुगतान की बाध्यता समाप्त की जाए। नई नियुक्तियों से पूर्व कंपनी केडर कर्मचारियों को अन्य कंपनियों में स्थानांतरण का विकल्प प्रदान किया जाए। कर्मचारियों और पेंशनर्स को बिजली बिल पर 50 प्रतिशत छूट प्रदान की जाए। तकनीकी भर्ती परीक्षा में 75 प्रतिशत प्रश्न तकनीकी और 25 प्रतिशत सामान्य ज्ञान से हो। कम्पनी केडरी के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 55 से बढ़ाकर अन्य श्रेणियों के बराबर की जाए। धारा 49(6) को हटाने की मांग, जिससे पेंशनर्स को राहत मिले। लाइन पर कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों को समान जोखीम भत्ता देने की व्यवस्था करे। जोखीम भत्ता, वर्दी धुलाई भत्ता, यातायात भत्ता व अन्य लाभों का संशोधन हो। कैशलेस मेडिक्लेम पॉलिसी लागू की जाए। पेंशनर्स को नियमित कर्मचारियों के समान महंगाई राहत शीघ्र प्रदान करे। आईटीआई/ओव्हरहेड पास आउटसोर्स कर्मचारियों को कार्य परमीट देने की अनुमति दी जाए। तकनीकी और कंप्यूटर ऑपरेटर आउटसोर्स कर्मचारियों को कुशल श्रमिक का दर्जा प्रदान करे। प्रान्तीय महामंत्री श्री चन्द्रावत ने कहा कि प्रदेश के हजारों विद्युत कर्मचारी वर्षों से न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं। श्री चंद्रावत सहित वरिष्ठ अध्यक्ष शंकरराव दलवी, संजय सरमण्डल, मनोहर महाजन, संजय रघुवंशी, सीताराम मुजाल्दे, विजय यादव सहित अन्य पदाधिकारियों ने सरकार से मांग की है कि तुरंत बैठक बुलाकर हमारी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक निर्णय लेवे।
मप्र विद्युत कंपनी कर्मचारी संघ फेडरेशन ने सरकार से रखीं 15 बड़ी मांगें, शीघ्र बैठक बुलाने का किया आग्रह

