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31 Dec 2025, Wed

रामलला के भव्य, दिव्य मंदिर पर लहराई भगवा धर्म ध्वजा

अयोध्या से लेकर देवास सांसद कार्यालय तक गूंजा जय श्रीराम

देवास । दुर्लभ संयोग, अभिजीत मुहूर्त, विवाह पंचमी, श्रीराम- जानकी के विवाहोत्सव की शुभ दिन अयोध्या में श्री रामलला के भव्य, दिव्य मंदिर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भगवा धर्म ध्वजा फहराई गई । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प.पु. सर संघ चालक श्री मोहन भागवत, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास जी महाराज सहित बड़ी संख्या में साधु संत, रामभक्त उपस्थित रहे । टेलीविजन चैनलों पर देखते हुए जो भी इस भव्य पावन पल का साक्षी बना । भावविभोर मन से उसकी आंखों में गर्व एवं खुशी के आंसू छलक आए । पांच सौ वर्षों के अथक संघर्ष एवं पिछले तीस वर्षों के निर्णायक जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन की सार्थकता बदौलत रामलला के भव्य मंदिर निर्माण, प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के उपरांत सत्य, न्याय, संस्कृति, धर्म की प्रतीक भगवा धर्म ध्वजा फहराई जाने के भावनात्मक अवसर पर अयोध्या से लेकर देवास में सिविल लाईन मार्ग स्थित सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी के केंद्रीय कार्यालय तक जय श्री राम का जयघोष गुंजायमान हुआ । प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा रामलला के धाम पर भगवा धर्म ध्वजा फहराई जाने की पूर्व संध्या पर सांसद श्री सोलंकी जी के कार्यालय पर भव्य सुंदरकांड पाठ आयोजित किया गया । श्री राम के दरबार सहित सम्पूर्ण कार्यालय को भगवा लग्गियों, फुग्गो से सजाया गया । द्वार, दहली से लेकर मार्ग पर मनमोहक रांगोली सजायी गई । संध्या 7 बजे से भजन गायक प्रवीण वर्मा एवं उनकी मंडली के द्वारा कर्णप्रिय भजनों, प्रवचनों के साथ सुंदरकांड पाठ प्रारंभ किया गया ।

सुंदरकांड पाठ में इतिहासकार दिलीपसिंह जाधव, भाजपा नेता राजेश यादव, महेश चौहान, मनीष जैन, शंभु अग्रवाल, पार्षद अजय तोमर, भूपेश ठाकुर, रितु सवनेर, अजीत भल्ला, पंकज वर्मा, कमल शर्मा, प्रदीप सांगते, विकास सांगते, धनराज सांगते, शेखर कौशल, भोजराज सिंह जादौन, मनीष पारिख, महेश बोड़ाना, सुभाष अग्रवाल, संतोष वर्मा, रामभान सिंह, माखनसिंह राजपूत, नीरजसिंह चौहान, मनोज गर्ग, राकेश बोड़ाना सहित हजारों की संख्या में भाजपा एवं विचार परिवार के कार्यकर्ताओं सहित समाजजन, मातृशक्ति, पत्रकारगण सम्मलित हुए । केसरिया दूध की महाप्रसादी का वितरण किया गया ।

सजीव हुई जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन के संघर्ष की गाथाएं

सांसद कार्यालय पर सुंदरकांड पाठ में अनेक कार्यकर्ता शामिल थे । जिन्होंने श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन, 1990, 1992 की कारसेवा में हिस्सा लिया था । उनके मुखारविंद से संघर्ष की स्मृतियां भी सजीव होकर सामने आयी । सन 1980-1990 का वह कालखंड, जब हिन्दू समाज ही ऊंच-नीच, जातियो में बटा हुआ था । कोसों पैदल चलकर, साइकिल, ट्रैक्टर ट्राली, बैलगाड़ी अथवा कभी कभार बस से सफर करते, मंदिर निर्माण का संकल्प लेकर कार्यकर्ता जब गांवों, कस्बों में बैठक, सभा, संतो के साथ धर्म संसद करने या रैली निकालने पंहुचते थे तो हिन्दू समाज के घटक ही उनका विरोध करते नजर आते थे । कहीं कहीं तो श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन से जुड़े कार्यकर्ताओं पर पथराव तक कर दिया जाता था, लेकिन आंदोलनकारी नेतृत्व एवं कार्यकर्ताओं ने हार नहीं मानी । प्रतिकूलताएं, कठिनाई झेलते हुए भी श्री राम मंदिर निर्माण के लिए हिंदू समाज में जागरण का शंख फूंकते रहे । विश्व हिंदू परिषद की आव्हान पर प्रयागराज की धर्म संसद, जयभानसिंह पवैया, विनय कटियार, साध्वी ऋतुम्भरा, उमा भारती जैसे ओजस्वी वक्ताओं की धर्म सभाएं, लालकृष्ण जी आडवाणी की सोमनाथ से लेकर अयोध्या तक की रथयात्रा, विधर्मी सत्ता द्वारा बिहार में रथयात्रा रोकने से लेकर 1990, 1992 की कारसेवा, मुलायमसिंह की गोलियों से बहे रक्त की संघर्षमयी स्मृतियां सुंदरकांड पाठ के दौरान सांसद कार्यालय के बाहर पुराने कार्यकर्ताओं के स्वरों में एक एककर सुनाई दे रही थी ।

राष्ट्रीय पुनर्जागरण का दौर, टूट रही जाति की दीवारें

श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति संघर्ष के इन स्वरों के साथ ही कार्यकर्ताओं में इस बात का भी संतोष साफ झलक रहा था कि कठिन संघर्ष के सुफल आज स्थितियां अनुकूल हुई है । देश में धर्म का अवलंबन करती सनातनी सत्ता स्थापित है । ठाठ से रामलला विराजवान है । धर्मध्वजा लहरा रही है । दुनिया में भारत के नेतृत्व, प्रगति का डंका बज रहा है । अखंडता की राह प्रशस्त हो रही है । विधर्मी, अराजक, आतंकी ताकतें हतोत्साहित है । राष्ट्रीय, सांस्कृतिक पुनर्जागरण हो रहा है । जाति की दीवारें टूट रही है । सनातनी हिंदू समाज एकजूट हो रहा है । मध्यप्रदेश में एकतरफा लोकसभा चुनाव के पश्चात हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली ओर हाल ही में बिहार के विधानसभा चुनाव में विघटनकारी छद्म सेकुलर पार्टियों को परास्त कर भारतीय जनता पार्टी- एनडीए की प्रचंड विजय इसका जीता जागता उदाहरण है ।