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31 Dec 2025, Wed

कर्म खराब हो तो तन पर चंदन लगाना भी व्यर्थ है- पंडित अजय शास्त्री

देवास। जीवन में जब भी कोई कष्ट हो, कोई परेशानी हो। उसका अगर निराकरण नहीं हो रहा हो। तो चिंता करने की बात नहीं है। भगवान शिव की शरण में जाकर बैठ जाएं। अगर मंदिर में ना बैठे तो कहीं भी एकांत में ध्यान लगाकर बैठ जाएं और ओम नमः शिवाय का जाप करें। फिर तुम्हारे जीवन मे कैसी भी समस्या आ रही है वह सब समाप्त हो जाएगी। समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा। क्योंकि जो भगवान शिव की शरणागति हो जाता है। उस पर जरूर कृपा बरसाते हैं। यह विचार श्री रंगनाथ राधा कृष्ण मंदिर चाणक्यपुरी में चल रही शिव महापुराण कथा के पांचवें दिन पंडित अजय शास्त्री सिया वाले ने व्यक्त किए। उन्होंने आगे कहा कि परमात्मा की शरण में जब भी जाओ तो मन मे निष्कपटता का भाव होना चाहिए। सिर्फ जाकर एक लोटा जल चढ़ा देने, अगरबत्ती लगा देने से शरणागति नही मिल सकती। शिव की शरणागति तब तक नहीं हो सकती जब तक की आपके मन में निष्कपट रूपी भाव भरे हुए हैं। छल कपट रूपी विषय विकारों को मन से हटाने पर ही परमात्मा शिव की शरण मिलती है। उन्होंने आगे कहा कि सिर्फ तन पर चंदन लगाने से काम नहीं चलने वाला है। चंदन के साथ वंदन भी जरूरी है। लेकिन लोग सिर्फ तन का श्रृंगार करते हैं मन का नहीं। जिसने अपने मन में परमात्मा की भक्ति का श्रंगार कर लिया हो, जिसके मन मे भक्ति का सच्चा भाव हो। वही परमात्मा का कृपा पात्र होता है। आपने अच्छे कर्म,अगर आपके मन में अच्छे कर्म के भाव हो। तो आपका जीवन भी चंदन की तरह महक उठेगा। सद्कर्म मनुष्य जीवन को चंदन की तरह महका देते हैं। यदि कर्म खराब हो तो तन पर चंदन लगाना भी व्यर्थ है। आयोजन मंडल की चंदा शर्मा,समाजसेवी अशोक पोरवाल एवं कथा में उपस्थित धर्मप्रेमियों ने व्यासपीठ की पूजा अर्चना कर महाआरती की।