देवास। शहर में पहली बार युवा वाल्मीकि संगठन द्वारा महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती के पावन अवसर पर एक भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया, जो धार्मिक श्रद्धा और सामाजिक एकता के साथ शहर में निकली। यह शोभायात्रा सयाजी द्वार से प्रारंभ होकर शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए जवाहर चौक पहुंची, जहां यह एक सभा में परिवर्तित हुई। शोभायात्रा में समाज के सभी वर्गों के लोग उत्साह और श्रद्धा के साथ शामिल हुए। यात्रा के दौरान ढोल-नगाड़ों, झांकियों और जयघोषों से वातावरण गूंज उठा। यात्रा में महर्षि वाल्मीकि जी की झांकी विशेष आकर्षण का केंद्र रही, जिसे श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर नमन किया। सभा स्थल पर मंच का संचालन गौरव खत्री ने कुशलतापूर्वक किया, जबकि प्रदीप सांगते ने आभार प्रदर्शन करते हुए समाज के सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर सांसद महेन्द्र सिंह सोलंकी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा महर्षि वाल्मीकि न केवल आदिकवि थे, बल्कि उन्होंने रामायण के माध्यम से समाज को आदर्श जीवन का मार्ग दिखाया। आज की यह शोभायात्रा वाल्मीकि समाज की जागरूकता और एकता का प्रतीक है। उन्होंने आयोजन की सराहना करते हुए भविष्य में भी ऐसे प्रयासों को निरंतर जारी रखने की बात कही। सभा में सनातन हिन्दू समाज से जुड़े कई गणमान्य जन उपस्थित थे, जिनमें प्रमुख रूप से सुदेश सांगते, अशोक कल्याणे, प्रकाश सांगते, शिव भैरवे, भीम धारू, चिंटू धारू, शैलेन्द्र सांगते आदि का उल्लेखनीय योगदान रहा। सभी ने महर्षि वाल्मीकि के जीवन, कर्तव्यों और समाज सुधार के योगदान पर प्रकाश डाला। समाजजनों की बड़ी संख्या में उपस्थिति ने यह सिद्ध कर दिया कि वाल्मीकि समाज अब अपने अधिकारों, इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर के प्रति सजग है और सामाजिक समरसता की दिशा में मजबूत कदम उठा रहा है।
पहली बार महर्षि वाल्मीकि जयंती पर निकली भव्य शोभायात्रा- युवा वाल्मीकि संगठन की पहल, सांसद महेन्द्र सिंह सोलंकी समेत कई गणमान्य जन रहे उपस्थित

