देवास। विधानसभा क्षेत्र 186 देवास के अंतर्गत बैंक नोट प्रेस (बीएनपी) के निवासियों ने वर्ष 2003 की मूल निर्वाचक नामावली में अपने नाम न मिलने की गंभीर समस्या को लेकर निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी एवं जिलाधीश को एक विस्तृत निवेदन पत्र सौंपा है। बीएनपी निवासी आवेदक अश्विनी कुमार ने बताया कि बीएनपी, देवास में कार्यरत कर्मचारी 1973 से सेवानिवृत्ति तक सरकारी आवासों में निवास करते रहे। वर्ष 2000 में सभी कर्मचारी नई टाइप-3 कॉलोनी (मकान क्रमांक 3601 से 3688) में स्थानांतरित हुए। इस कॉलोनी के कुल 88 परिवारों के किसी भी पात्र सदस्य का नाम विधानसभा चुनाव 2003 की मूल मतदाता सूची में शामिल नहीं किया गया था। जैसे ही त्रुटि की जानकारी मिली, तत्कालीन जिलाधीश को शिकायत दी गई। कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने इन सभी 88 परिवारों के नाम अनुपूरक मतदाता सूची में दर्ज किए, जिसके बाद सभी ने विधानसभा चुनाव 2003 में मतदान किया। एसआईआर सर्वे हेतु बीएलओ के पास उपलब्ध मतदाता सूची देखने पर यह ज्ञात हुआ कि मकान क्रमांक 3601 से 3688 के पूर्व मतदाताओं के नाम वर्तमान मूल जन-सुनवाई मतदाता सूची में उपलब्ध नहीं हैं। इससे सर्वे फॉर्म भरने में गंभीर परेशानी हो रही है। बीएनपी के रहवासियों ने बताया कि न तो बीएलओ और न ही पर्यवेक्षक इस विसंगति का समाधान बता पाए, जिसके कारण उन्हें कलेक्टर कार्यालय पहुंचना पड़ा। कई कर्मचारी सेवानिवृत्ति के बाद अन्य कॉलोनियों या अपने गृह राज्यों में जा चुके हैं, इसलिए सही रिकॉर्ड का उपलब्ध होना अत्यंत आवश्यक है। आवेदक ने यह भी उल्लेख किया कि निर्वाचन कार्यालय द्वारा जारी संक्षिप्त पुनरीक्षण निर्वाचन नामावली 2003 (पुनरीक्षण वर्ष 2004, पात्रता 01-01-2004) इंटरनेट पर उपलब्ध है, जिसमें सभी 88 परिवारों के नाम मौजूद हैं। लेकिन 2003 की मूल मतदाता सूची में यह नाम शामिल नहीं हैं, जिससे एसआईआर के लिए आवश्यक दस्तावेज़ पूरा करने में कठिनाई उत्पन्न हो रही है। बीएनपी के गोपिका प्रसाद द्विवेदी, अपूर्वा, प्रहलाद पांचाल, सैफाली नित्यानंद, महेन्द्र स्थापक, सुरेन्द्र सिंह मेहता, गिरीश मेरावी आदि 88 रहवासियों ने जिला कलेक्टर व संबंधित अधिकारियों से निवेदन किया है कि वर्ष 2003 की मूल मतदाता सूची में अनुपूरक सूची अनुसार उनके नाम पुन: जोड़े जाने के निर्देश दिए जाएं, ताकि सभी परिवार बिना बाधा एसआईआर फॉर्म प्रस्तुत कर सकें।
बीएनपी के 88 परिवारों के नाम 2003 की मूल मतदाता सूची से गायब, एसआईआर सर्वे में आई बाधा, जिलाधीश से हस्तक्षेप की मांग

