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31 Dec 2025, Wed

जो सांस आ रही है वह जीवन, ओर जा रही उसे मृत्यु समझो

देवास। पंडित अजय शास्त्रीकर्मों का पुण्य फल उदय होता है तब शिव महापुराण कथा सुनने का अवसर मिलता है.. पंडित अजय शास्त्रीकथा पंडाल में शिव पार्वती विवाह धूमधाम से मनाया गयासज रहे भोले बाबा निराले दूल्हे में की भावपूर्ण प्रस्तुति पर श्रद्धालु झूम उठे काल सभी को अपना ग्रास बना रहा है। किसी को देर से तो किसी को जल्दी। हर व्यक्ति काल के ग्रास में एक दिन आता ही है। एक सांस आ रही है तो एक जा रही है। जो सांस आ रही है वह जीवन है। और जो जा रही है उसे मृत्यु समझों। 84 लाख योनियों में एक देह से दूसरी देह में जीवन मरण का चक्र चल रहा है। इससे छुटकारा पाना है, तो परमात्मा का ध्यान करो। यह विचार श्री रंगनाथ राधा कृष्ण मंदिर चाणक्यपुरी में चल रही शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन व्यास पीठ से पंडित अजय शास्त्री सिया वाले ने व्यक्त किए। आगे कहा कि इस कलयुग में परमात्मा के नाम का ही आधार है। इसलिए अपने मन को वैरागी करो। मन को वैरागी करने के लिए मस्तक पर भस्म धारण कर लो। शिव कृप का जो पात्र बन जाता है। वह इस भवसागर से तर जाता है। भगवान शिव के पास जो खप्पर था मांगने पर वह भी देवताओं को दे दिया की ले जाओ और हाथ को ही खप्पर बना लिया। क्योंकि देवता शिव की कृपा पात्र बन गए थे। आगे कहा कि लोग इसलिए दुखी है कि उनका नाम नहीं हो रहा है। जब तक जीता है तब तक कहता है कि मेरा नाम नहीं हुआ और अंत में खाली हाथी ही चला जाता है। लेकिन मानव यह भूल जाता है कि यह सिर्फ अपनी संसारिक वैभव प्रतिष्ठा का प्रतीक है। लेकिन जिसने परमात्मा का नाम ले लिया हो, परमात्मा के नाम का ध्यान कर लिया। उसका जीवन सफल हो जाता है। शिव महापुराण की कथा करवाने वाला व श्रवण करने वाला भाग्यशाली होता है। जब हमारे कर्मों का पुण्य फल उदय होता है। तब शिव महापुराण कथा सुनने का अवसर मिलता है। पंडाल में शिव पार्वती विवाह धूमधाम के साथ मनाया गया। पंडित अजय शास्त्री ने इस दौरान सज रहे भोले बाबा निराले दूल्हे में की भावपूर्ण भक्ति गीत की प्रस्तुति पर श्रद्धालु झूम उठे। आयोजन मंडल की चंदा शर्मा, अशोक पोरवाल एवं धर्म प्रेमियों ने व्यास पीठ की पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया।