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1 Jan 2026, Thu

वनकर्मी के खिलाफ झूठी एफआईआर से नाराजगी, संघ ने 15 दिन में कार्रवाई की दी चेतावनी


देवास। 
खिवनी अभयारण्य के वन रक्षक श्री शशिकांत जाटव के विरुद्ध दर्ज की गई कथित झूठी एफआईआर को लेकर वन कर्मचारी संघ में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है। म.प्र. वन कर्मचारी संघ जिला देवास द्वारा पूर्व प्रांताध्यक्ष निर्मल कुमार तिवारी एवं जिलाध्यक्ष वन कर्मचारी संघ सत्यनारायण निनामा के नेतृत्व में पुलिस अधीक्षक एवं जिला कलेक्टर देवास को ज्ञापन सौंपते हुए 15 दिनों के भीतर प्रकरण निरस्त कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि उचित कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
14 जून 2025 को श्री जाटव ने वन सीमा सुरक्षा सप्ताह के तहत खिवनी अभयारण्य की सीमा का निरीक्षण करते हुए आरोपी राकेश बामणिया को वन भूमि पर अवैध अतिक्रमण करते पाया। इस पर उन्होंने वन अपराध प्रकरण क्रमांक 44959/19 दर्ज किया।
आरोप है कि इसके बाद आरोपी ने राजनीतिक दबाव और स्थानीय नेताओं के सहयोग से श्री जाटव के विरुद्ध थाना हरणगांव में एक झूठा मामला दर्ज करवाया, जिसे पुलिस ने शून्य एफआईआर के रूप में दर्ज किया है। संघ की मांगे है कि शशिकांत जाटव के विरुद्ध दर्ज झूठे प्रकरण को तत्काल निरस्त किया जाए। अतिक्रमणधारी राकेश बामणिया और उसके सहयोगियों पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए। पूरे मामले की निष्पक्ष जांच एक स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए।
वनकर्मियों में भय और असंतोष
         संघ का कहना है कि इस घटना से समस्त वनकर्मियों में असुरक्षा और आक्रोश की भावना घर कर गई है। वे स्वयं को वन एवं वन्यजीवों की रक्षा करने में असमर्थ महसूस कर रहे हैं। संघ ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि 15 दिवस के भीतर न्यायोचित कार्रवाई नहीं हुई तो उन्हें आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
ज्ञापन के साथ वन अपराध प्रकरण की प्रति, एफआईआर की प्रति, थाना हरणगांव की सूचना और रोड जाम तथा धमकियों से जुड़े प्रमाण भी संलग्न किए गए हैं। संघ ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया निर्णयों का हवाला देते हुए कहा कि शासकीय कर्तव्यों का पालन कर रहे अधिकारियों के विरुद्ध राजनीतिक दबाव बनाना अवैधानिक है और ऐसे अधिकारियों को धारा 197 के अंतर्गत विधिक संरक्षण मिलना चाहिए। इस अवसर पर प्रांतीय महामंत्री हेमराज गोखले, शिवप्रताप सिंह,रामकिशोर मिश्रा दिनेश बनेडिया ,मुकेश तिवारी वनपाल, गोरान तिवारी, सुभाष कोलते वनपाल, सत्यनारायण बछनिया, दीवान सिंह जादौन, सूरज ढाडे, कैलाश मुझल्दा, जयसिंह बघेल वनपाल, अशोक दक्षिणी, उदयभान सिंह, भंवर सिंह इवेन ,विनोद तोमर, गौतम, प्रेम भिलाला, साधू सिंह, कृष्णकांत वर्मा, सज्जन सिंह धाकड़ , देवीसिंह भार्गव, संतोष मंडलोई चंदन मंडलोई अनिल सितोले आदि उपस्थित थे।