देवास। स्टेशन रोड गजरा गियर चौराहे के पास स्थित नूतन नगर में श्री हरिबोल सेवा समिति, श्री वैकुण्ठ धाम, श्री राधा कृष्ण सेवा समिति एवं श्री पित्रेश्वर महिला मंडल सेवा समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित श्री गयाजी तर्पण एवं श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के पांचवे दिन गुरूवार को आचार्य पं. देवराज शर्मा ने श्रीकृष्ण जी के बाल्यकाल की अनगिनत लीलाओं का प्रसंग श्रद्धालुओं को सुनाया। कथा वाचक ने बड़े ही भावुक और आकर्षक ढंग से श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया, जिसमें उनके माखन चुराने की घटनाएँ, गोवर्धन पर्वत उठाने का प्रसंग, और उनके द्वारा पूतना राक्षसी का वध जैसे प्रसंगों को लेकर कथा का विस्तार हुआ। आयोजन समिति के धर्मेंद्र सिंह परिहार, संजय बोर्डिया एवं अजय सेठिया ने बताया कि कथा के दौरान तीन दिवसीय श्री गयाजी तर्पण निशुल्क चल रहा है। आज तर्पण का समापन होगा। कथा के दौरान सुमधुर भजनों की प्रस्तुतियां भी दी गई। जिस पर भक्त मंत्रमुग्ध होकर झूम उठे। पं. शर्मा ने बताया कि कैसे श्रीकृष्ण ने अपने बाल्यकाल में गाँव के बच्चों के साथ खेल-खिलौनों के बीच अद्भुत लीलाएँ कीं। उनकी माखन चुराने की आदत को लेकर श्रद्धालु हंसी और आनंद से भरे थे, क्योंकि माखन चुराने की ये घटनाएँ न केवल कृष्ण के बचपन की नटखटता को दर्शाती हैं, बल्कि उनकी महानता और दिव्यता का भी प्रतीक हैं। श्री कृष्ण ने पूतना राक्षसी का वध कर उसकी छली शक्ति को नष्ट कर दिया, जो उनके दिव्य रूप को प्रकट करता है। गोवर्धन पर्वत उठाने की घटना में श्री कृष्ण ने अपनी छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर सभी गोकुलवासियों की रक्षा की, यह उनका अद्भुत बल और भक्तों के प्रति अटूट प्रेम का प्रतीक था। भागवत कथा में छप्पन भोग का आयोजन किया गया। श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीकृष्ण को 56 प्रकार के स्वादिष्ट पकवानों का भोग अर्पित किया। जब भक्त अपने पूरे मन और श्रद्धा से भगवान को भोग अर्पित करते हैं, तो भगवान उन भोगों को स्वीकार कर भक्तों को सुख, समृद्धि, और मानसिक शांति प्रदान करते हैं। कथा 28 दिसंबर तक प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक चलेगी। पूर्णाहूति के दिन विशाल भंडारा भी होगा। व्यासपीठ की आरती आयोजन समिति के दिलीप रघुवंशी, सुरेश चौहान, राधेश्याम परमार, वीरेंद्र सिंह राठौड़, रविंद्र ठाकुर, नरेंद्र परमार, कैलाश परमार, मदनमोहन श्रीवास्तव सहित स्थानीय भक्तों ने की।

