देवास। शहर में आवारा कुत्तों के मुद्दे पर चल रहे विवाद ने बुधवार को एक नया और गंभीर मोड़ ले लिया। कुत्तों को लेकर चल रहे पशु प्रेमियों के आंदोलन में कथित तौर पर गुंडागर्दी, मीडियाकर्मियों के साथ बदसलूकी और स्कूली छात्राओं का दुरुपयोग सामने आया है, जिसने शहर में एक नई बहस छेड़ दी है।
पत्रकारों के साथ बदसलूकी
बुधवार सुबह, पशु प्रेमियों ने शहर के विकास नगर चौराहे से कुत्तों के समर्थन में एक आंदोलन शुरू किया। यह प्रदर्शन बाद में नगर निगम की ओर बढ़ा, जहाँ मीडियाकर्मी इस घटना को कवर करने पहुँचे थे। रिपोर्टिंग के दौरान, कुछ आंदोलनकारियों ने मीडियाकर्मियों के साथ बदसलूकी की और उनका माइक तक छीन लिया। इस घटना को आंदोलन के नाम पर गुंडागर्दी करार दिया गया है। पत्रकारों की शिकायत पर, पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए भवानी सागर के एक युवक को हिरासत में लिया और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की।
स्कूली छात्राओं को बनाया गया आंदोलन का हिस्सा
इस आंदोलन की सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि इसमें शिशुविहार स्कूल की छात्राओं को भी शामिल किया गया। बताया जाता है कि यह स्कूल एक पशु प्रेमी महिला का है। आंदोलन में शामिल हुई छात्राओं ने मीडिया को बताया कि उन्हें इस प्रदर्शन के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और उन्हें यह नहीं बताया गया था कि वे कुत्तों के लिए हो रहे आंदोलन का हिस्सा बन रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनके माता-पिता को भी इस बारे में कोई खबर नहीं है। यह घटना भाजपा सरकार के बेटी बचाओ… बेटी पढ़ाओ नारे के बिल्कुल विपरीत है, जहाँ छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हुए उन्हें एक ऐसे आंदोलन का हिस्सा बनाया गया, जिससे उनका कोई लेना-देना नहीं था।
शहर में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या को लेकर स्थानीय लोग पहले से ही परेशान हैं। ये कुत्ते अक्सर दोपहिया वाहन चालकों और पैदल चलने वाले लोगों के पीछे दौड़ते हैं, जिससे हादसे का खतरा बढ़ जाता है। नागरिक इस समस्या के लिए नगर निगम को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, उनका कहना है कि निगम इस गंभीर मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। कुल मिलाकर, आज का प्रदर्शन शहर में पशु कल्याण और सार्वजनिक सुरक्षा के बीच चल रहे तनाव को दर्शाता है, लेकिन जिस तरह से इस आंदोलन में मीडियाकर्मियों से बदसलूकी और मासूम स्कूली बच्चों का इस्तेमाल किया गया, उससे कई सवाल खड़े हो गए हैं। इस घटना ने प्रशासन और समाज दोनों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या आंदोलन की स्वतंत्रता के नाम पर इस तरह की अराजकता को बर्दाश्त किया जा सकता है?
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देवास में कुत्तों के मुद्दे पर हंगामा: पशु प्रेमियों के प्रदर्शन में गुंडागर्दी, पत्रकारों से बदसलूकी और स्कूली बच्चों का दुरुपयोग

